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देवलसारी सोसाइटी की संरक्षण यात्रा और पश्चिमी हिमालय विकल्प संगम

टिहरी गढ़वाल की घने जंगलों वाली पहाड़ियों में एक शांत लेकिन मजबूत पहल आकार ले रही है। देवलसारी में स्थानीय समुदाय अपने जंगलों और जैव विविधता की रक्षा के लिए एकजुट हो रहा है।


यह प्रयास देवलसारी एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सोसाइटी के अरुण प्रसाद गौर के नेतृत्व में और बंगसिल गांव के युवाओं के सहयोग से चल रहा है। समुदाय चाहता है कि उनके जंगल को उत्तराखंड की पहली जैव विविधता धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिले। इकोटूरिज़्म, मधुमक्खी पालन, बर्ड वॉचिंग और अन्य प्रकृति-आधारित आजीविकाओं के ज़रिए वे संरक्षण का एक ऐसा मॉडल तैयार कर रहे हैं जो स्थानीय जीवन से गहराई से जुड़ा है।


यह फिल्म वेस्टर्न हिमालय विकल्प संगम की झलक भी पेश करती है, जो फरवरी 2025 में देवलसारी में आयोजित हुआ था। इस चार-दिवसीय संगम में पश्चिमी हिमालय के कई इलाकों से आए बदलावकारी साथी जुड़े, अपने अनुभव साझा किए, एक-दूसरे से सीखा, और समुदाय-आधारित, न्यायपूर्ण और टिकाऊ भविष्य की दिशा में वैकल्पिक रास्तों की खोज की।



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जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में वैकल्पिक विकास के लिए परिवर्तनकर्ताओं और अधिवक्ताओं का एक नेटवर्क।

एक पश्चिमी हिमालय विकल्प संगम पहल

आयशर ग्रुप फाउंडेशन द्वारा समर्थित

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